उत्तराखंड
धामी सरकार का फैसला। प्राइमरी अध्यापक के लिए इस विषय की अनिवार्यता हुई खत्म, नियमावली में संसोधन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में उत्तराखंड राजकीय प्रारंभिक शिक्षा (अध्यापक) (संशोधन) सेवा नियमावली, 2012 (यथासंशोधित) में संशोधन किए जाने को मंजूरी दे दी है. नियमावली में संशोधन के बाद प्रारंभिक शिक्षकों (प्राइमरी टीचर्स) के लिए बीएड की अनिवार्यता समाप्त हो कर दी गई है।
सोमवार को धामी मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान सुप्रीम कोर्ट के निर्णय और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के निर्देशों के क्रम में सहायक अध्यापक प्राथमिक पद के लिए निर्धारित अर्हताओं में से बीएड योग्यता को हटाने पर मंजूरी दे दी है. लिहाजा, ‘उत्तराखंड राजकीय प्रारंभिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 2012’ (यथासंशोधित) में संशोधन किया जाना प्रस्तावित है।
अभी तक उत्तराखंड में बीएलएड के बाद बीएड वाले युवाओं को ही प्रारंभिक शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए योग्य माना जाता था. लेकिन अब सरकार ने बीएलएड करने वाले युवाओं को प्राथमिक शिक्षक बनने का मौका दिया है.