उत्तराखंड
खेल रत्न का नाम बदलने पर कांग्रेस में उबाल, प्रदेश प्रवक्ता बीना जोशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांगा जवाब
देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता बीना जोशी ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार रखने पर सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल करते हुए कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश का विकास करना चाहते हैं तो इसके लिए वह युवाओं को रोजगार, अर्थव्यवस्था की मजबूती, महिलाओं का सशक्तिकरण करने का प्रयास करें ना कि कांग्रेस द्वारा किए गए विकास कार्य, उनके द्वारा बनाए गए स्थलों एवं पुरस्कार दिए जाने वाले नामों में परिवर्तन करके। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधा सवाल करते हुए कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में अब तक जो विकास कार्य किए गए हैं उनके आगे भारतीय जनता पार्टी कहीं भी नहीं ठहरती। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने देश के विकास के लिए जो अपना योगदान दिया है उसे कांग्रेस ही नहीं बल्कि देश की जनता कभी नहीं भुला सकती। औद्योगिक क्षेत्र में स्वर्गीय राजीव गांधी ने अपना विशेष योगदान दिया इसके अलावा देश में आज जितने भी बड़े चिकित्सालय, औद्योगिक क्षेत्र आदि स्थापित हैं इसके लिए कांग्रेस और स्वर्गीय राजीव गांधी ने अपना पूर्ण योगदान दिया है जिसे दरकिनार नहीं किया जा सकता ऐसे में अब भारतीय जनता पार्टी की सरकार विकास कार्यों पर ध्यान देने के बजाय कांग्रेस द्वारा स्थापित स्थलों का नाम बदलने कांग्रेस के देश को अतुलनीय योगदान देने वालों के नाम पर दिए जाने वाले पुरस्कारों के नाम बदलने का काम कर रही है जिससे कांग्रेसी और जनता बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विकास कार्यों में तेजी लाने ही है तो वह महिलाओं के सशक्तिकरण, युवाओं को रोजगार, अर्थव्यवस्था को मजबूत करने सहित महंगाई पर नियंत्रण करने का काम करें सभी देशवासियों का भला हो सकेगा। उन्होंने डबल इंजन की सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सबका साथ सबका विकास का नारा देने वाली भाजपा सरकार जनहित से जुड़े मुद्दों से पूरी तरह से भटक चुकी है और का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है उन्होंने कहा है कि कांग्रेस के शासनकाल में ही सबका साथ सबका विकास संभव हो सका है जबकि भारतीय जनता पार्टी द्वारा जुमलेबाजी करके जनता को गुमराह करने का काम किया गया है अब जनता इस बात को भलीभांति समझ चुकी है और इसका जवाब आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव एवं 2024 के लोकसभा चुनाव में जरूर देगी।