Connect with us

उत्तराखंड

(उत्तराखंड) खड्डी मोहल्ला में मानों इंसान नहीं बल्कि बाहरी दुनिया के लोग रहते हैं@सेंचुरी के सितम पार्ट-1

लालकुआं

रिपोर्ट:- शैलेन्द्र कुमार सिंह

लालकुआं नगर क्षेत्र से सटी मलिन बस्ती खड्डी मोहल्ला में मानव इंसान नहीं बल्कि बाहरी दुनिया के लोग रहते हैं या फिर यह कहे कि यहां रहने वाले लोगों की जिंदगी बद से बदतर है तो इसमें कोई दोहराय नहीं। बताते चलें कि सरकार द्वारा यहां रहने वाले लोगों को राशन कार्ड से लेकर बिजली, पानी सहित अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं मगर सेंचुरी पेपर मिल के प्रदूषण के सितम यह कम होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। वर्षों से यहां के लोग सेंचुरी के प्रदूषण झेलते आए हैं जबकि मिल प्रबंधन द्वारा यहां सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं कराई गई हैं।

आलम यह है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और एनजीटी के आदेशों को पलीता लगाते हुए यहां मिल प्रबंधन ने अपनी बाउंड्री वॉल के किनारे हरित पट्टीका (प्रदूषण अब्जोर्व करने वाले पेड़ पौधे) के बजाय टीन सेट लगाए गए हैं जिसमें खुली जगहों से बड़े पैमाने पर प्रदूषण युक्त जहरीली धूल यहां के निवासियों के घरों में जाती है जिससे कि यहां कई प्रकार की बीमारियों ने पैर पसार रखे हैं बावजूद इसके मिल प्रबंधन उनकी मदद करने के बजाय यहां रहने वाले लोगों के शरीर में प्रदूषण खोलने का काम कर रहा है जिससे कि यहां के लोग असमय बीमार पड़ते जा रहे हैं
और अब तक कई लोग असमय काल के गाल में भी समा चुके हैं।

भयंकर वायु प्रदूषण एवं ध्वनि प्रदूषण के मामले पर वरिष्ठ समाजसेवी कफील अहमद का कहना है कि वह लंबे समय से खड्डी मोहल्ला क्षेत्र में प्रदूषण कम करने की मांग उठा चुके हैं बावजूद इसके मिल प्रबंधन ने अभी तक इस मामले पर कोई ध्यान नहीं दिया है उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि हरित पट्टिका नहीं होने की वजह से तीन शेडों के माध्यम से बड़े पैमाने पर धूल एवं जहरीले कोयले का धुंआ और कनफोड़ू ध्वनि प्रदूषण से क्षेत्रवासियों का जीना मुहाल है बच्चे पढ़ाई नहीं कर सकते और यहां रहने वाले लोग दिन हो या रात चैन की सांस तक नहीं ले सकते मगर मिल प्रबंधन को यहां रहने वाले लोगों की समस्याओं से कोई मतलब नहीं है उन्हें सिर्फ अपने स्टाफ कॉलोनी में हरियाली की चिंता होती है। बाहर रहने वाले लोग मरे तो मरे प्रबंधन को कोई मतलब नहीं। ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या प्रशासनिक अमला एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और एनजीटी जैसे संस्थानों की होने का क्या फायदा जो क्षेत्रवासियों की व्यापक समस्याओं का समाधान तक नहीं कर सकते। बताते चलें कि पूर्व में कई आंदोलन हो चुके हैं मगर मिल प्रबंधन पर अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है मामला सिर्फ पत्राचार तक सीमित रहा है। वरिष्ठ समाजसेवी कफिल अहमद ने जल्द से जल्द प्रदूषण नियंत्रण की मांग की है।

यह भी पढ़ें 👉  Lalkuan News: लंबे समय से फरार चल रहे वारंटी को लालकुआं पुलिस ने किया गिरफ्तार, देखें रिपोर्ट:-
कफील अहमद, वरिष्ठ समाजसेवी, लालकुआं।
Continue Reading
You may also like...

More in उत्तराखंड

Trending News

Follow Facebook Page

About

अगर नहीं सुन रहा है कोई आपकी बात, तो हम बनेंगे आपकी आवाज, UK LIVE 24 के साथ, अपने क्षेत्र की जनहित से जुड़ी प्रमुख मुद्दों की खबरें प्रकाशित करने के लिए संपर्क करें।

Author (संपादक)

Editor – Shailendra Kumar Singh
Address: Lalkuan, Nainital, Uttarakhand
Email – [email protected]
Mob – +91 96274 58823