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Forest Breaking: गुज्जर बस्ती में पराली में छुपा कर रखे लट्ठे, तो दूसरी तरफ हो रही जलौनी लकड़ी की तस्करी, और फिर…….
06 Feb, 2025हल्द्वानी। प्रभागीय वनाधिकारी तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी एवं उप प्रभागीय वनाधिकारी गोला के निर्देशानुसार एसओजी...
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Uttarakhand: 38वें राष्ट्रीय खेलों में पहाड़ी व्यंजनों का जलवा, देखें ये खास रिपोर्ट:-
05 Feb, 202538 वें राष्ट्रीय खेल में पहाड़ी व्यंजनों का जलवा देहरादून : 38वें राष्ट्रीय खेल के तहत...
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Lalkuan News: राजकीय इंटर कॉलेज लालकुआं में अध्ययनरत रिटेल की छात्राओं को कराया शैक्षिक भ्रमण, देखें रिपोर्ट:-
05 Feb, 2025लालकुआं-राजकीय इंटर कॉलेज लालकुआं नैनीताल रिटेल के छात्राओं को शैक्षिक भ्रमण रिटेल से जुड़ी जानकारी दी।...
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OMG : ब्लूटूथ नेकबैंड फटने से युवक की दर्दनाक मौत, अब पुलिस कर रही ये काम……
05 Feb, 2025पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के इंदिरानगर में संदिग्ध हालातों में ब्लूटूथ नेकबैंड फटने...
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Breaking News: इस दिन होगा नगर पंचायत के नवनिर्वाचित चेयरमैन और सभासदों का शपथ ग्रहण समारोह, देखें आदेश
05 Feb, 2025लालकुआं। निकाय चुनाव के शपथ ग्रहण की तिथि शासन द्वारा निश्चित कर दी गई है। उत्तराखंड...
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Haldwani News: नाबालिग ने चलाया वाहन तो पिता के विरुद्ध पुलिस ने किया ₹25000 का चालान, वाहन भी सीज
04 Feb, 2025नाबालिक के वाहन चलाने पर अब अभिभावक के विरुद्ध FIR काठगोदाम क्षेत्र में नाबालिक के वाहन...
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Uttarakhand: सिल्वर से शुरुआत, सोने की ओर बढ़ते कदम: नीरज जोशी ने राष्ट्रीय खेलों में बढ़ाया देवभूमि का मान
04 Feb, 2025सिल्वर से शुरुआत, सोने की ओर बढ़ते कदम: नीरज जोशी ने राष्ट्रीय खेल में बढ़ाया उत्तराखंड का मान उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेल में प्रदेश के खिलाड़ियों ने उम्दा प्रदर्शन कर प्रदेश का नाम रोशन किया है। खासकर वूशु प्रतियोगिता में उत्तराखंड के लाल नीरज जोशी ने सिल्वर मेडल जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। नीरज जोशी का यह सफर संघर्षों से भरा रहा है, लेकिन अपनी मेहनत और उत्तराखंड सरकार की खेल नीतियों से प्रेरित होकर उन्होंने इस मुकाम को हासिल किया। संघर्ष भरा रहा नीरज जोशी का सफर हल्द्वानी निवासी नीरज जोशी के पिता राजेश बल्लभ जोशी एक किसान हैं और खेती के माध्यम से अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद नीरज ने वूशु में अपना करियर बनाने का सपना देखा और पिछले आठ वर्षों से देहरादून में रहकर प्रशिक्षण ले रहे हैं। हालांकि, आर्थिक तंगी और चोटों के कारण उनका खेल करियर कई बार संकट में आ गया। साल 2022 में पैर की हड्डी टूटने के बाद नीरज हताश हो गए थे। खेल से दूर जाने का विचार उनके मन में आने लगा था, लेकिन परिवार और कोच के समर्थन के चलते उन्होंने फिर से वापसी की। वर्ष 2023 में उन्होंने ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर अपने खेल में सुधार किया। हालांकि, गोवा में हुए राष्ट्रीय खेल 2023 में खेल सुविधाओं के अभाव के कारण वह केवल पांचवें स्थान पर रहे, जिससे वह निराश हो गए थे। सरकार की घोषणाओं ने दिए नीरज के सपनों को पंख नीरज जोशी का कहना है कि उत्तराखंड सरकार द्वारा खिलाड़ियों के लिए घोषित योजनाओं और प्रोत्साहनों ने उन्हें एक नई ऊर्जा दी। राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेताओं को नगद पुरस्कार और सरकारी नौकरी देने की घोषणा ने खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया है। ...
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UCC News: उत्तराखंड के बाद अब ये भाजपा शासित राज्य समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने की तैयारी में
04 Feb, 2025उत्तराखंड के बाद अब गुजरात में भी यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने की तैयारी है। इस मुद्दे...
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Lalkuan News: लालकुआं में बस स्टॉपेज बनाने को लेकर देखें ये ताजा अपडेट:-
04 Feb, 2025Lalkuan News: लालकुआं में बस स्टॉपेज बनाने को लेकर देखें ताजा अपडेट:- लालकुआं (नैनीतालरिपोर्ट:- शैलेन्द्र कुमार...
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Uttarakhand: 38वें राष्ट्रीय खेलों में वेटलिफ्टिंग में विवेक पांडे ने ये अहम पदक जीतकर बढ़ाया देवभूमि का मान……
03 Feb, 2025विवेक पांडे ने पुरुषों की 109+ भारवर्ग वेटलिफ्टिंग में कांस्य पदक जीत, उत्तराखंड का मान बढ़ाया उत्तराखंड के विवेक पांडे ने पुरुषों की 109+ किलोग्राम भारवर्ग वेटलिफ्टिंग में कांस्य पदक जीतकर प्रदेश का नाम रोशन किया है। यह उपलब्धि इसलिए भी खास है क्योंकि पिछले साल उत्तराखंड ने इस श्रेणी में भाग नहीं लिया था। चंपावत जिले के टनकपुर निवासी विवेक ने महज दो साल पहले वेटलिफ्टिंग की शुरुआत की थी। अपनी इस सफलता पर उन्होंने अपने माता-पिता और कोच को श्रेय दिया। उन्होंने कहा, “मैंने दो साल पहले वेटलिफ्टिंग शुरू की थी। मेरे कोचेस ने मेरी बहुत मदद की। मैं अपनी इस उपलब्धि का पूरा श्रेय अपने माता-पिता को देता हूं।” विवेक की इस सफलता ने राज्य के वेटलिफ्टिंग क्षेत्र को नई पहचान दी है और उनके इस पदक से प्रेरित होकर उत्तराखंड के कई युवा इस खेल की ओर आकर्षित हो सकते हैं।