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‘मैं मुसलमान हूं…’ पाकिस्तान में ये शपथ लेते हैं प्रधानमंत्री, भारत से इतनी अलग है रस्म !

पाकिस्तान में लंबे सियासी संकट के बाद देश को फिर से नया प्रधानमंत्री (Pakistan Prime Minister) मिल गया है. अविश्वास प्रस्ताव में इमरान खान (Imran Khan) के कुर्सी गंवाने के बाद अब पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के चीफ और पूर्व पीएम नवाज शरीफ के भाई शाहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री बनाया गया है. शाहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) ने पीएम पद की शपथ ली है. शपथ के बाद देखना है कि शाहबाज पाकिस्तान की बिगड़ी व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए क्या कदम उठाते हैं.

ऐसे में जानते हैं जब भी पाकिस्तान में प्रधानमंत्री की नियुक्ति की जाती है तो गोपनीयता की शपथ कैसे होती है. साथ ही जानते हैं कि वहां पाकिस्तानी पीएम को अपनी शपथ में क्या बोलना होता है और यह शपथ भारत की शपथ से काफी अलग है. इसके बाद आप समझ पाएंगे कि पाकिस्तान में शपथ किस तरह होती है…

धर्म आधारित होती है शपथ

भारत में शपथ धर्म पर आधारित नहीं होती है. भारत में कोई भी मंत्री विधि द्वारा स्थापित संविधान की ही शपथ लेता है, लेकिन पाकिस्तान में ऐसा नहीं है. पाकिस्तान में मंत्री या प्रधानमंत्री धर्म के आधार पर शपक्ष लेते हैं और अपनी शपथ में धर्म से जुड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हैं. यहां तक कि धर्म से जुड़ी कसम लेते हैं. पाकिस्तान की शपथ में कुरान ए पाक, अल्लाह, हजरत मुहम्मद आदि का भी जिक्र होता है, लेकिन भारत में किसी धर्म विशेष को लेकर शपथ नहीं है.

मुसलमान होना है जरूरी

पाकिस्तान में प्रधानमंत्री बनने के लिए शख्स को मुस्लिम होना जरूरी है. इतना ही नहीं, जब शपथ ली जाती है तो भी इसका जिक्र करना होता है और अपने नाम के बाद कहना होता है कि वो मुसलमान हैं. इसके बाद ही उन्होंने पवित्र कुरान आदि की कसम के साथ आगे की शपथ लेनी होती है. हालांकि, शपथ का कुछ हिस्सा भारत में मंत्रियों की ओर से ली जाने वाली शपथ से मिलता जुलता होता है, जिसमें गोपनीयता की शपथ आदि की जानकारी शामिल है.

भारत और पाकिस्तान में प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने की पूरी प्रक्रिया एकदम अलग है. पाकिस्तान में प्रधानमंत्री धार्मिक विश्वास को साक्षी मानकर पाकिस्तान को एक मुस्लिम राष्ट्र के तौर पर स्थापित करने की शपथ लेते हैं. इसके ठीक उलट भारत में संविधान में स्थापित विविधता की सुरक्षा को खास तरजीह दी जाती है.

शपथ में क्या बोलते हैं?

I, ____________, do swear solemnly that l am a Muslim and believe in the Unity and Oneness of Almighty Allah, the Books of Allah, the Holy Quran being the last of them, the Prophethood of Muhammad (peace be upon him) as the last of the Prophets and that there can be no Prophet after him, the Day of Judgment, and all the requirements and teachings of the Holy Quran and Sunnah:

That I will bear true faith and allegiance to Pakistan:

That, as Prime Minister of Pakistan, I will discharge my duties, and perform my functions, hon-estly, to the best of my ability, faithfully in accordance with the Constitution of the Islamic Republic of Pakistan and the law, and always in the interest of the sovereignty, integrity, solidarity, well- being and prosperity of Pakistan:

That I will strive to preserve the Islamic Ideology which is the basis for the creation of Pakistan:

That I will not allow my personal interest to influence my official conduct or my official decisions:

That I will preserve, protect and defend the Constitution of the Islamic Republic of Pakistan:

That, in all circumstances, I will do right to all manner of people, according to law, without fear or favor, affection or ill- will:

And that I will not directly or indirectly communicate or reveal to any person any matter which shall be brought under my consideration or shall become known to me as Prime Minister except as may be required for the due discharge of my duties as Prime Minister.

May Allah Almighty help and guide me (A’meen).

स्रोत इंटरनेट मीडिया

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