Connect with us

देश-विदेश

(बड़ी खबर) सिक्खों को अफगानिस्तान छोड़ने से तालिबान ने रोका, अब शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने उठाया ये कदम

(पंजाब)। 11 सितंबर को भारत आने वाले साठ अफगान सिखों को तालिबान शासन ने देश छोड़ने से रोक दिया क्योंकि वे अपने साथ पवित्र ग्रंथ ले जा रहे थे।

घटना के बाद, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने गुरुवार को तालिबान के इस कदम की निंदा की और केंद्र से हस्तक्षेप करने के लिए कहा। इसके साथ ही ये भी कहा कि यह भी सुनिश्चित करें कि अफगानिस्तान में समुदाय की भावनाओं को आहत या अनादर न हो।

समिति द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने तालिबान शासन द्वारा “श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पवित्र शरीर” को अफगानिस्तान से बाहर ले जाने पर प्रतिबंध की कड़ी निंदा की।

उन्होंने कहा कि समिति को मिली जानकारी के अनुसार 60 अफगानी सिखों का एक समूह 11 सितंबर को भारत आने वाला था, लेकिन वे नहीं आ सके क्योंकि उन्हें श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की पवित्र प्रतिमा अपने साथ भारत में लाने से रोका गया।

बयान के अनुसार, शिरोमणि समिति के अध्यक्ष ने इसे तालिबान शासन द्वारा सिखों के धार्मिक मामलों में “प्रत्यक्ष हस्तक्षेप” करार दिया।

एडवोकेट धामी ने कहा कि एक तरफ जहां अफगानिस्तान के अंदर सिखों और पवित्र गुरुद्वारों पर हमले हो रहे हैं वहीं दूसरी तरफ उन्हें पवित्र ग्रंथ अपने साथ भारत लाने से रोका जा रहा है।

एडवोकेट धामी ने कहा कि अफगानिस्तान में सिख देश छोड़ रहे हैं क्योंकि वे सुरक्षित नहीं हैं और जब सिख देश में नहीं रहेंगे, तो श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की देखभाल कौन करेगा?

उन्होंने समझाया कि, यही कारण है कि सिख भारत आने पर पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब को अपने साथ लेकर आते हैं। धामी ने कहा कि तालिबान शासन को सिखों की भावनाओं के खिलाफ फैसला नहीं लेना चाहिए।

एसजीपीसी प्रमुख ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने और सिखों की धार्मिक भावनाओं के खिलाफ अफगानिस्तान में तालिबान शासन द्वारा की जा रही कार्रवाई को रोकने की भी अपील की।

बता दें कि अफगानिस्तान में सिखों सहित धार्मिक अल्पसंख्यक तालिबान द्वारा देश पर नियंत्रण करने के बाद बार-बार लक्षित हमलों (targeted attacks) का शिकार हुए हैं।

हाल ही में अफगानिस्तान में सिखों पर हमलों की बाढ़ सी आ गई थी। इस साल 18 जून को, इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) ने काबुल में करता-परवान गुरुद्वारे पर हमला किया, जिसमें लगभग 50 लोगों की जान चली गई। इसके अलावा और भी कई अन्य हमले हुए हैं।

मार्च 2020 में, काबुल के शॉर्ट बाजार इलाके में श्री गुरु हर राय साहिब गुरुद्वारा में एक घातक हमला हुआ जिसमें 27 सिख मारे गए और कई घायल हो गए। इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।

2020 में अफगानिस्तान में लगभग 700 हिंदू और सिख थे, लेकिन उनमें से बड़ी संख्या में 15 अगस्त, 2021 को तालिबान के अधिग्रहण के बाद देश छोड़ दिया।

स्रोत:- इंटरनेट मीडिया

Continue Reading
You may also like...

More in देश-विदेश

Trending News

Follow Facebook Page

About

अगर नहीं सुन रहा है कोई आपकी बात, तो हम बनेंगे आपकी आवाज, UK LIVE 24 के साथ, अपने क्षेत्र की जनहित से जुड़ी प्रमुख मुद्दों की खबरें प्रकाशित करने के लिए संपर्क करें।

Author (संपादक)

Editor – Shailendra Kumar Singh
Address: Lalkuan, Nainital, Uttarakhand
Email – [email protected]
Mob – +91 96274 58823