उत्तराखंड
“भारत का रहने वाला हूं” गाने से प्रसिद्धि पाने वाले अब इस दुनिया में नहीं रहे, देखें रिपोर्ट:-
भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता है… 1970 में आई मनोज कुमार की फिल्म पूरब और पश्चिम का ये देशभक्ति सालों बाद भी हर किसी की पसंद माना जाता है। सिंगर महेंद्र कपूर की आवाज और मनोज की अदाकारी की शानदार जुगलबंदी ने हर किसी के दिल को जीत लिया था। इस गीत की तरह आज से मनोज भी सिर्फ एक याद की तरह रह जाएंगे, क्योंकि 87 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। मुंबई के धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल में उन्होंने आखिरी सांस ली।
मनोज कुमार के निधन (Manoj Kumar Death) के मौके पर उनसे जुडे़ किस्से और कहानियों को लेकर खूब चर्चा हो रही है। इस कड़ी में हम आपको ये बताने जा रहे हैं, आखिर उनको हिंदी सिनेमा का भारत कुमार क्यों कहा जाता था और वो कौन सी फिल्म थी, जिससे अभिनेता को ये उपाधि।
कैसे सिनेमा के भारत कुमार बने मनोज कुमार
आजादी के बाद भारतीय सिनेमा का दौर बदल रहा था। दारा सिंह जैसे कई अभिनेता एक्शन फिल्मों की तरफ आगे बढ़ रहे थे तो दूसरी तरफ दिलीप कुमार, देव आनंद और राज कपूर जैसे कलाकारों ने रोमांटिक फिल्मों को वरीयता दी। इसके कुछ समय बाद बॉलीवुड में मनोज कुमार की एंट्री होती है, जो शुरुआत में इसी लीक की मूवीज में काम करते दिखे।
लेकिन फिर उनके जहन में देशभक्ति फिल्मों का विचार आया और साल 1965 में आई शहीद उनकी पहली देशभक्ति फिल्म रही, जिसमें उन्होंने देश की आजादी के लिए अपनी जान की कुर्बानी देने वाले शहीद भगत सिंह का किरदार निभाया।
बॉक्स ऑफिस पर फिल्म अच्छी चली और मनोज ने देशभक्ति फिल्मों की लीक को आगे बढ़ाने का फैसला लिया। समय बदलता गया और लेकिन मनोज बैक टू बैक देशभक्ति की मिसाल कायम करने वाली फिल्मों के जरिए दर्शकों का मनोरंजन करते हुए आगे बढ़ रहे थे, जिसकी वजह से वह फिल्म इंडस्ट्री में भारत कुमार कहलाए। उनके कुछ सफल देखभक्ति फिल्मों के नाम इस प्रकार हैं-
मनोज कुमार अपने करियर में यूं तो एक से बढ़कर एक हिट फिल्म दी थी। लेकिन उनकी सबसे सफल फिल्म के बारे में जिक्र किया जाए तो उसमें 1967 में आई उपकार का नाम जरूर शामिल होगा। इस फिल्म से मनोज की किस्मत रातों-रात बदल गई। उपकार की कहानी और गाने ऑडियंस को खूब पसंद आई। इस फिल्म में भारत के किसान के संघर्ष को दिखाया गया था और इस मूवी के बाद से ही मनोज को सिनेमा का भारत कुमार कहा जाने लगा।
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