Connect with us

उत्तराखंड

जानकारी। जानिए क्या होता है कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्य मंत्री के बीच अंतर, देखें रिपोर्ट:-

पीएम नरेंद्र मोदी की तीसरी पारी का आगाज हो चुका है। 9 जून को उन्होंने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। प्रधानमंत्री के साथ 71 अन्य मंत्रियों ने भी राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में शपथ ली।

इनमें 30 कैबिनेट, पांच राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 36 राज्य मंत्रियों को भी शपथ दिलाई गई। शपथग्रहण के बाद सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रिपरिषद सहयोगियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया गया। बीते दिवस को (मंगलवार) अमित शाह, अश्विनी वैष्णव, भूपेंद्र यादव, चिराग पासवान, ललन सिंह समेत तमाम मंत्रियों ने अपना कार्यभार संभाल लिया है।

नई सरकार के गठन के बीच आइये जानते हैं कि आखिर केंद्रीय मंत्रिपरिषद में कैबिनेट मंत्री कौन होते हैं? राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्य मंत्री क्या काम करते हैं? इन तमाम मंत्रियों में क्या कोई अंतर होता है?

पहले जानते हैं केंद्रीय मंत्रिपरिषद क्या होती है?
आजादी के बाद भारत ने प्रभावी शासन के लिए मंत्रिपरिषद के साथ संसदीय शासन प्रणाली को अपनाया। प्रधानमंत्री के पास अपने शासन के तहत मंत्रिपरिषद तय करने की शक्ति है। दरअसल, संविधान के अनुच्छेद 74 और 75 में केंद्रीय मंत्रिपरिषद का प्रावधान किया गया है। अनुच्छेद 74(1) कहता है कि राष्ट्रपति की सहायता और सलाह के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक मंत्रिपरिषद होगा, जो अपने कार्यों के निष्पादन में राष्ट्रपति की सलाह के अनुसार कार्य करेगा।

यह भी पढ़ें 👉  लालकुआं ब्रेकिंग। यहां एक होटल का दरवाजा खुला तो मिला खून ही खून, देखें बंगाल के युवक का.........रहस्य

प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की सलाह पर की जाती है। मंत्रिपरिषद संसद के दोनों सदनों से ली जाती है। आमतौर पर मंत्री बनने के लिए किसी व्यक्ति को संसद के किसी सदन का सदस्य होना चाहिए। हालांकि, संविधान में संसद के बाहर से किसी व्यक्ति को मंत्री नियुक्त करने पर कोई रोक नहीं है। लेकिन ऐसा व्यक्ति छह महीने से अधिक समय तक मंत्री नहीं रह सकता, जब तक कि वह संसद के किसी सदन का सदस्य न बन जाए।

मंत्रिपरिषद में कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), राज्य मंत्री और उप मंत्री शामिल होते हैं। हालांकि, हाल के समय में केंद्रीय मंत्रिपरिषद में उप मंत्री बनाए जाने के उदाहरण नहीं आए हैं।

कैबिनेट मंत्री कौन होते हैं और क्या काम करते हैं?
दरअसल, कैबिनेट मंत्री मंत्रिपरिषद का सदस्य होते हैं जो मंत्रालय का नेतृत्व करते हैं। मंत्रिपरिषद में कैबिनेट मंत्री सबसे वरिष्ठ होते हैं जिनके पास सबसे अधिक ज्ञान और अनुभव होता है। इनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा उनकी विशेषज्ञता और वरिष्ठता के आधार पर की जाती है।

यह भी पढ़ें 👉  लालकुआं न्यूज़। नगर की इन ज्वलंत समस्याओं के संबंध में सांसद प्रतिनिधि लक्ष्मण खाती ने सांसद अजय भट्ट को सौंपा ज्ञापन, शायद अब हो सकेगा समस्या का समाधान.......

1978 के 44वें संशोधन के जरिए कैबिनेट को एक संवैधानिक निकाय का दर्जा दिया गया था। कैबिनेट मंत्री सरकार के कार्यपालक मंत्री होते हैं, जिन्हें कैबिनेट में नामित किया जाता है।

कैबिनेट मंत्री केन्द्र सरकार के अंतर्गत अहम मंत्रालय जैसे गृह, वित्त, रक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क परिवहन और राजमार्ग और विदेश मंत्रालयों को संभालते हैं। इनका काम नई नीतियों का निर्णय और विकास करना, कार्यान्वयन का समन्वय और पर्यवेक्षण करना होता है।

देश के विकास की कुंजी कैबिनेट मंत्रियों के हाथों में रहती है। कैबिनेट अपने विभागों को खुद चलाती है और प्रधानमंत्री द्वारा देश के लिए लिए गए निर्णयों से संबंधित सभी गतिविधियों में भाग लेती है। इसलिए, देश के प्रभावी और सुचारू कामकाज के लिए प्रधानमंत्री कैबिनेट पर निर्भर होते हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री सबसे ताकतवर होते हैं वो सीधे पीएम को रिपोर्ट करते हैं।

राज्य मंत्री स्वतंत्र (प्रभार) कौन होते हैं और इनका क्या काम होता है?
राज्य मंत्री स्वतंत्र दो प्रकार के होते हैं जिनमें से एक राज्य मंत्री स्वतंत्र (प्रभार) का पद भी शामिल है। स्वतंत्र प्रभार वाला राज्य मंत्री कैबिनेट मंत्री और राज्य मंत्री के बीच का पद है। केंद्रीय मंत्रिपरिषद में कुछ जूनियर मंत्रियों को स्वतंत्र प्रभार के रूप में राज्य मंत्री पद दिया जाता है। उन्हें किसी कैबिनेट मंत्री को रिपोर्ट करने की आवश्यकता नहीं होती है।

यह भी पढ़ें 👉  Lalkuan News: लंबे समय से फरार चल रहे वारंटी को लालकुआं पुलिस ने किया गिरफ्तार, देखें रिपोर्ट:-

स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री भारत के राज्य या संघ सरकार में बिना किसी कैबिनेट मंत्री के मंत्री होते हैं। वह खुद अपने मंत्रालय का प्रभारी होता है। वे प्रधानमंत्री के साथ नियमित दिन-प्रतिदिन की चर्चाओं में शामिल नहीं होते हैं, लेकिन उनके विभाग से संबंधित विशिष्ट मामलों पर उनसे परामर्श किया जाता है।

राज्य मंत्री कौन होते हैं और क्या काम करते हैं?
राज्य मंत्री केंद्रीय मंत्रिपरिषद में जूनियर मंत्री होते हैं जो कैबिनेट मंत्री की सहायता करते हैं। वे कैबिनेट का हिस्सा नहीं होते हैं और विशेष रूप से आमंत्रित किए जाने तक आमतौर पर कैबिनेट की बैठकों में भाग नहीं लेते हैं। राज्य मंत्री सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट नहीं करते हैं बल्कि कैबिनेट मंत्री को रिपोर्ट करते हैं।

राज्य मंत्रियों को मंत्रालय के भीतर विशिष्ट जिम्मेदारियां सौंपी जाती हैं और वे कार्यभार संभालने में कैबिनेट मंत्री की सहायता करते हैं। इसमें मंत्रालय के भीतर विशेष क्षेत्रों या परियोजनाओं की देखरेख करना शामिल हो सकता है। उनके पास निर्णय लेने की सीमित शक्ति होती है और वे आमतौर पर अपने मंत्रालय के भीतर विशिष्ट कार्यों या क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

स्रोत im

More in उत्तराखंड

Trending News

Follow Facebook Page

About

अगर नहीं सुन रहा है कोई आपकी बात, तो हम बनेंगे आपकी आवाज, UK LIVE 24 के साथ, अपने क्षेत्र की जनहित से जुड़ी प्रमुख मुद्दों की खबरें प्रकाशित करने के लिए संपर्क करें।

Author (संपादक)

Editor – Shailendra Kumar Singh
Address: Lalkuan, Nainital, Uttarakhand
Email – [email protected]
Mob – +91 96274 58823