उत्तराखंड
Big Breaking: केंद्र सरकार ला रही क्यूआर कोड वाला नया पैन कार्ड, CCEA ने पैन 2.0 को दी मंजूरी, देखें पूरी डिटेल
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की कि सरकार पैन 2.0 शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने आयकर विभाग की पैन 2.0 परियोजना को मंजूरी दे दी है. यह प्रोजेक्ट सभी सरकारी एजेंसियों के डिजिटल सिस्टम के लिए ‘परमानेंट अकाउंट नंबर’ को ‘कॉमन बिजनेस आईडिंटिफाइनर’ बनाएगी.
यह कदम केंद्र सरकार के प्रमुख कार्यक्रम डिजिटल इंडिया के अनुरूप है. इस नए विकास के बारे में हम सब कुछ जानते हैं. साथ ही अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए क्यूआर कोड की शुरूआत के माध्यम से पैन कार्ड का फ्री अपग्रेड शामिल है.
मोदी के विजन के अनुसार, इस बदलाव से पैन और टैन सेवाओं को एक ही पोर्टल के तहत जोड़ा जाएगा. इससे प्रक्रियाएं कागज रहित, सुरक्षित और कुशल होंगी और भारत को डिजिटल रूप से सशक्त बनाया जा सकेगा.
पैन 2.0 परियोजना क्या है?
पैन 2.0 परियोजना एक ई-गवर्नेंस पहल है जिसका उद्देश्य टैक्सपेयर रजिस्ट्रेशन सर्विस को फिर से तैयार करना है. पैन और टैन सिस्टम को डेटा की इंस्टेंट पहुंच और प्रमाणीकरण के लिए पैन कार्ड पर क्यूआर कोड लगाने के लिए एक प्रभावी और तकनीकी रूप से संचालित प्लेटफॉर्म के उपयोग के माध्यम से सुधारा जाएगा.
पैन 2.0 परियोजना के फायदे
- पहल एक इंटीग्रेटेड सिस्टम के तहत पैन और टैन सेवाओं को एकीकृत करेगी. यह अपडेट वाणिज्यिक क्षेत्र की लंबे समय से चली आ रही मांग रही है.
- परियोजना एक पैन डेटा वॉल्ट भी पेश करेगी, जिसके तहत सभी पैन डेटा को स्केल किया जाना चाहिए और अनिवार्य माना जाना चाहिए, ताकि उपयोगकर्ताओं का डेटा अच्छी तरह से सुरक्षित रहे.
- कागज रहित और पर्यावरण अनुकूल प्रक्रियाओं को अपनाकर, इस पहल का उद्देश्य मैनुअल गलतियों को कम करना है.
- संशोधित पैन कार्ड में क्यूआर कोड फीचर होगा, जिससे स्कैन और ऑनलाइन कार्यक्षमता संभव होगी.
- यह एक ऐसी आर्थिक प्रणाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जो पूरी तरह से डिजिटल, सुरक्षित और प्रभावी है.
क्या आपको नए पैन कार्ड के लिए आवेदन करने की आवश्यकता है?
इसका जवाब नहीं. कैबिनेट यह सुनिश्चित करता है कि महत्वपूर्ण डिजिटल परिवर्तन के बावजूद नागरिक का मौजूदा पैन वैध बना रहे. सरकार पहले ही 78 करोड़ पैन कार्ड वितरित कर चुकी है, जिनमें से 98 फीसदी व्यक्तियों को जारी किए गए हैं. और इस परियोजना के तहत इन्हें अपग्रेड किया जाएगा. हालांकि केंद्र ने रोलआउट के लिए एक विशिष्ट समयसीमा की घोषणा नहीं की है. वैव्यक्तियों को बिना किसी लागत के पैन अपग्रेड दी जाएगी.