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(बड़ी खबर) कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह पर केस दर्ज, धार्मिक भावनाएं भड़काने का लगा आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बिहार के फोटो को खरगोन का बताकर ट्वीट करने के मामले में भोपाल क्राइम ब्रांच ने केस दर्ज कर लिया है। क्राइम ब्रांच ने कूटरचित दस्तावेज से धार्मिक भावनाएं आहत करने समेत अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। बीजेपी ने ट्वीट को अंतरराष्ट्रीय साजिश बताकर जांच करने की मांग की है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल को पत्र लिखकर दिग्विजय सिंह का ट्विटर हैंडल बंद करने की अपील की है।
बीजेपी भोपाल जिला अध्यक्ष सुमित पचौरी ने कार्यकर्ताओं के साथ भोपाल क्राइम ब्रांच के डीसीपी को दिग्विजय सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग का शिकायती आवेदन दिया था। उन्होंने अपनी शिकायत में दिग्विजय सिंह के ट्वीट को प्रदेश में सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने वाला बताया था। इस पर क्राइम ब्रांच ने आईपीसी की 58/22, 153A(1), 295A, 465, 505(2) की धाराओं में केस दर्ज किया है। क्राइम ब्रांच ने ्प्रकाश माण्डे की शिकायत पर केस दर्ज किया है।
इससे पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और सांसद वीडी शर्मा ने कहा कि दिग्विजय सिंह का खरगोन की घटना पर ट्वीट करना और उसे डिलीट करना सोची-समझी रणनीति है कि देश और प्रदेश के माहौल को कैसे खराब किया जाए। दिग्विजय सिंह के यह प्रयास अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। दिग्विजय सिंह पूरी कोशिश कर रहे हैं कि प्रदेश के अंदर शांति व्यवस्था को भड़काया जाए। दिग्विजय सिंह बड़े अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र के तहत काम कर रहे है। देश की बड़ी एजेंसियों से मांग करता है कि मामले की जांच होनी चाहिए।
वहीं, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने ट्वीटर के सीईओ पराग अग्रवाल को पत्र लिखा। सारंग ने दिग्विजय सिंह के ट्वीट और लिंक की छायाप्रति शेयर करते हुए लिखा कि दिग्विजय सिंह आए दिन इस प्रकार के भड़काऊ ट्वीट करते रहते है। उनके ट्विटर अकाउंट को तत्काल सस्पेंड करने की मांग की।
दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को एक युवक का एक धार्मिक स्थल पर भगवा ध्वज फहराने को मध्य प्रदेश के खरगोन का बताकर ट्वीट किया। उन्होंने सरकार से सवाल करते हुए टिप्पणी भी की। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी दिग्विजय सिंह पर धार्मिक उन्माद फैलाने और प्रदेश को दंगे की आग में झोंकने की बात कही थी। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी कहा था कि वैधानिक कार्रवाई के लिए विधि विशेषज्ञों की राय ले रहे हैं।
स्रोत इंटरनेट मीडिया