उत्तराखंड
(बड़ी खबर) उत्तराखंड के इस मंडल में यूपी और नेपाल से पशुओं के लाने पर लगा प्रतिबंध, ये बीमारी है मुख्य वजह
कुमाऊं मंडल के सीमावर्ती इलाकों में लंपी डिजीज से पशुओं की मौत के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में बीमारी को फैलने से रोकने के लिए पशुपालन विभाग ने नेपाल और यूपी से पशुओं की आवाजाही पर अग्रिम आदेश तक प्रतिबंध लगा दिया गया है।
पशुपालन विभाग की ओर से लंपी डिजीज की रोकथाम के लिए ऊधम सिंह नगर में रामपुर, मुरादाबाद और देहरादून से होने वाली पशुओं की मूवमेंट पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा नेपाल से मूवमेंट रोकने के लिए खटीमा, टनकपुर और बनबसा में बार्डर पर टीमें भेजी गई हैं।
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डा. हरीश जोशी ने बताया कि कुमाऊं में फिलहाल लंपी डिजीज से पशुओं की मौत का कोई मामला नहीं है। लोग बार्डर पार से पशुओं की खरीद और बिक्री करते हैं। जिस वजह से यहां इस बीमारी के पहुंचने का खतरा रहता है। इसलिए बार्डर पर पशुओं के मूवमेंट पर रोक लगाई गई है।
लक्षण
पशु के शरीर का तापमान 106 डिग्री फारेनहाइट होना, पशु को कम भूख लगना, पशु के चेहरे, गर्दन, थूथन, पलकों समेत पूरे शरीर में गोल उभरी हुई गांठें दिखने लगती हैं। फेफड़ों में संक्रमण के कारण निमोनिया हो जाता है। पैरों में सूजन, लंगड़ापन, नर पशु में काम करने की क्षमता कम हो जाती है। चिकित्सकों का अनुमान है कि इस रोग के फैलने की आशंका 20 प्रतिशत है और मृत्यु दर पांच प्रतिशत तक है।
उपाय
- – लंपी स्किन डिजीज से प्रभावित पशुओं को अलग रखें
- – बीमारी ग्रस्त पशु की मृत्यु होने पर शव को खुला न छोड़ें
- – प्रभावित पशुओं में बकरी पाक्स वैक्सीन का प्रयोग करें
- – इम्युनिटी बढ़ाने के लिए मल्टी विटामिन जैसी दवाएं दी जाएं
स्रोत:- इंटरनेट मीडिया