उत्तराखंड
भारत माता के जयकारों से गूंज उठा लालकुआं और फिर……….पंचतत्व में विलीन हो गया शहीद धर्मेंद्र का पार्थिव शरीर, देखें वीडियो
लेह में तैनात धर्मेंद्र गंगवार का पार्थिव शरीर जैसे ही प्रातः 8:00 उनके घर पहुंचा वैसे ही परिवार में चीख-पुकार मच गई। आलम यह था कि हर किसी की आंख से आंसू छलक रहते हैं तो वही युवा और पूर्व सैनिक भारत माता की जय और धर्मेंद्र तेरा यह बलिदान याद रखेगा हिंदुस्तान के नारे लगा रहे थे। अंतिम विदाई में मानों हजारों लोगों का हुजूम उमड़ आया हो।
गौरतलब है कि बीते 27 अगस्त को लेह में ड्यूटी के दौरान हृदय गति रुकने से धर्मेंद्र गंगवार का निधन हो गया था जिसके बाद तमाम औपचारिकताएं पूरी करते हुए आज प्रातः 8:00 बजे धर्मेंद्र का पार्थिव शरीर उनके आवास गांधी नगर वार्ड नंबर 2 में पहुंचाया गया। जिसके बाद से ही शोक की लहर समूचे क्षेत्र में फैल गई यहां तक कि आसपास सहित दूरस्थ क्षेत्रों से भी लोगों ने अंतिम श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
सेना के आला अफसरों की मौजूदगी में पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनके घर से अंतिम विदाई यात्रा प्रारंभ की गई देखते ही देखते हैं हजारों की संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। जैसे ही यात्रा मुख्य हाइवे पर पहुंची यह काफिला और बढ़ गया। हाईवे से मुक्तिधाम की ओर चलते ही शहीद धर्मेंद्र की पत्नी, बहन और मां और उनके दो छोटे बच्चे जिन का रो रो कर बुरा हाल हो गया था। उनकी पत्नी हाईवे पर ही बेहोश हो गई जिसके बाद लोग उन्हें पानी पिलाकर जैसे तैसे होश में लाये और बमुश्किल वापस घर को ले गए।
यात्रा मस्तान पेट्रोल पंप से पूरे मुख्य बाजार होते हुए मुक्तिधाम की ओर चल रही थी जिसमें कोतवाल डीआर वर्मा यात्रा के सबसे आगे चलते हुए ट्रैफिक व्यवस्था को देख रहे थे। साथ ही पुलिस क्षेत्राधिकारी अभिनव चौधरी और एसपी सिटी हरबंस सिंह भी मोर्चा संभाले हुए थे। इसके अलावा आर्मी के आला अफसर व जवान पूरे काफिले के साथ चलते नजर आए। जैसे ही काफिले ने कोतवाली चौराहे को पार किया वहां से ट्रांसपोर्ट नगर में होली ट्रिनिटी स्कूल के अध्यापकों, न्यू जनता फिलिंग स्टेशन के कर्मचारियों ने पुष्प वर्षा कर धर्मेंद्र गंगवार को अंतिम विदाई दी।
जिसके बाद ट्रांसपोर्ट नगर क्षेत्र में समाजसेवियों, व्यवसायियों एवं ट्रांसपोर्ट कारोबारियों ने भी पुष्प वर्षा करते हुए धर्मेंद्र गंगवार की अंतिम विदाई में अपनी सहभागिता निभाई। आलम यह था कि शहीद की अंतिम यात्रा देख रहे लोग भी अपने आंसू रोक नहीं पाए। मुक्तिधाम पहुंचने के बाद पूरे सैन्य सम्मान और सैन्य बैंड के साथ उन्हें घाट पर ले जाया गया जहां सेना ने विधि विधान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी और अंत में धर्मेंद्र के सुपुत्र ने उन्हें मुखाग्नि दी। जिसके बाद धर्मेंद्र गंगवार का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। धर्मेंद्र गंगवार अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। जिसमें उनकी पत्नी मीरा गंगवार एक बड़ा बेटा आर्यन जिसकी उम्र 11 वर्ष जबकि छोटा बेटा युग जिसकी उम्र मात्र 6 वर्ष है। इसके अलावा उनके पिता रामपाल गंगवार माता सुशीला देवी जबकि एक भाई रविंदर गंगवार मौजूद है।