उत्तराखंड
जब एनडी तिवारी ने बनाई थी अपनी खुद की पार्टी, कांग्रेस प्रत्याशी की हुई थी जमानत जब्त, देखें यादों के झरोखे से@लोकसभा चुनाव
अपने जमाने के दिग्गज कांग्रेसी नेता नारायण दत्त तिवारी ने 1996 के आम चुनाव में कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व से मनमुटाव के कारण अपनी खुद की नवगठित राजनैतिक पार्टी “तिवारी कांग्रेस” से नैनीताल सीट से चुनाव लड़ा था।
इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी पांचवें स्थान पर रहा और उसकी जमानत तक जब्त हो गई थी।
उस दौर में एनडी तिवारी की गिनती कांग्रेस के बड़े नेताओं में होती थी। 1963 में कांग्रेस में शामिल होने के बाद वह उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनने के साथ केंद्र में कई बार मंत्री बनाए गए। हालांकि, एक ऐसा दौर भी आया जब उन्होंने कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी बना ली।
वर्ष 1994 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (तिवारी) नाम से पार्टी बनाई। 1996 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्होंने नैनीताल संसदीय सीट से इसी दल का प्रतिनिधित्व करते हुए चुनाव लड़ा। उन्हें फूल चढ़ाती महिला चुनाव चिह्न आवंटित किया गया था।
दूसरी ओर, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने प्रयाग दत्त भट्ट को अपना प्रत्याशी बनाया। पूरे चुनाव के दौरान अधिकांश कांग्रेसियों के तिवारी के साथ चले जाने से पार्टी को प्रचार के लिए कार्यकर्ता मिलना भी मुश्किल हो गया। चुनाव परिणाम में तीन लाख से अधिक वोट प्राप्त कर एनडी तिवारी ने जीत दर्ज की।
दूसरे स्थान पर रहे भाजपा प्रत्याशी को 1.51 लाख से अधिक मत मिले। पांचवें स्थान पर रहे कांग्रेस प्रत्याशी को महज 15,612 मत मिलने से उसकी जमानत तक जब्त हो गई थी।
सोनिया गांधी के दखल से विलय किया
एनडी तिवारी के कांग्रेस से अलग होने के बाद इस पूरे क्षेत्र में पार्टी की हालत खस्ता हो गई थी। हालांकि उसी साल सोनिया गांधी के हस्तक्षेप पर एनडी तिवारी ने अपनी पार्टी का विलय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में कर लिया।
स्रोत im